शर्म करो न्यायतंत्र वालों, सबूत देने के बावजूद ईसाई बिशप बरी, निर्दोष संत जेल में

15 जनवरी 2022

azaadbharat.org

🚩बिशप फ्रैंको को बरी होने पर और निर्दोष संत को जेल में रखने पर जनता में काफी रोष है।

🚩सुदर्शन न्यूज संपादक श्री सुरेश चव्हाणके ने कहा कि शर्म करो न्यायतंत्र वालों- साक्षात नन द्वारा रेप के सबूत देने के बावजूद ईसाई बिशप बरी,
पर लड़की द्वारा FIR में रेप का आरोप न लगाने के बावजूद हिन्दू संत आशारामजी बापू 9 वर्षों से जेल में बंद। इतना ही नहीं मानवीय व क़ानूनी अधिकार पैरोल, जो आतंकियों को भी दिया जाता है वह 1 क्षण के लिए भी केवल और केवल बापू को ही नहीं दिया, क्यों? ईसाई लॉबी प्रभावी हैं, हिंदू कायरों की तरह चुप हैं।
https://t.co/nHkuVdS2MH

🚩 3 साल में 13 बार जघन्य बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल को अदालत ने बाइज्जत बरी कर दिया यह कहते हुए कि 39 गवाह भरोसे लायक नहीं हैं और नन लूसी जिन्होंने बलात्कार होते हुए देखा वह भी भरोसे लायक नहीं है इसलिए इस पादरी को बाइज्जत बरी किया जाता है। यह होता है वेटिकन का प्रभाव; रसूखदार लोग बलात्कार करके भी छूट जाते हैं। यह एक उदाहरण नहीं है। इससे पहले तहलका मैगजीन के संपादक महोदय तरूण तेजपाल भी छूट गए थे, उधर से बलात्कार करते भाग रहे थे उनका वीडियो सीसीटीवी भी था लेकिन सीसीटीवी गायब हो गई थी। यहां पर 39 गवाहों को जज ने नकार दिया। मतलब यह है कि न्यायपालिका में रसूखदार और ईसाई मिशनरियों की इतनी पैठ है कि गलत तरीके से फैसले देकर दोषियों को बचाया जाता है।

🚩आसारामजी बापू के विरुद्ध एफआईआर में कहीं बलात्कार का जिक्र नहीं है, लड़की वर्जिन थी कोई गवाह नहीं है फिर भी 85 वर्ष की आयु में 9 साल से जेल में हैं। यह हमारे देश की न्याय व्यवस्था है। न्यायपालिका ने दोहरा मापदंड बना लिया है; अगर आप हिंदू संत हैं तो आपके लिए न्याय पाना असंभव है और आप पत्रकार हैं, राजनेता हैं या ईसाई धर्मगुरु हैं तो यह न्यायपालिका आपके सामने नतमस्तक हो जाती है, हाथ जोड़कर खड़ी रहती है। यही हमारे देश का अभिशाप है।

🚩नन का बलात्कार किया, बलात्कार की पुष्टि हुई ; उसके बावजूद यह बोला गया कि यह दावा भरोसे के काबिल नहीं है इसलिए बाइज्जत बरी किया जाता है। 39 गवाहों को नकार दिया गया! कहां जा रही हमारी न्यायपालिका? कहां जा रहा हमारा न्यायतंत्र?

🚩संत आसारामजी बापू का हीमोग्लोबिन 4 हो गया तो उसके बावजूद जमानत नहीं दी गई, ना पैरोल दी गई। आपको सरकारी अस्पताल में भर्ती कर दिया गया, वापस जेल भेज दिया गया और एक ये बिशप फ्रैंको मुलक्कल थे, जिनको न्यायपालिका जेल में नहीं रख सकती। भारत के न्यायतंत्र में हिम्मत नहीं है कि किसी वेटिकन के एजेंट को जेल में डाल दे। यहां की जो न्यायपालिका और पुलिस प्रशासन है वो डालता है जेल में सिर्फ हिंदू संतों को एक छोटी से छोटी शिकायत पर भी। हिंदू संत आसारामजी बापू या जयेंद्र सरस्वती जी के विरुद्ध शिकायत हुई कि मीडिया पीछे पड़ जाती है, अब कल से मीडिया ने एक बार नाम नहीं लिया। मीडिया में मुलक्कल की कोई चर्चा नहीं हुई तो बाइज्जत बरी हो गया, एक पीड़िता महिला को न्याय नहीं मिला। कोई चर्चा नहीं हुई सारी मीडिया सो गई। क्या ये उनके माई बाप हैं? सारा पैसा आता है वेटिकन से। पैसा किसलिए आता है- ईसाई धर्म के कुकर्म छुपाने और हिंदू संतों को बदनाम करने के लिए।

🚩अभी वक्त है हिंदुओं, जागो, देखो एक बार आसारामजी बापू का केस पढ़ लो। पता चल जाएगा बलात्कार था ही नहीं कहीं और यह बिशप फ्रैंको का केस! इसमें 13 बार बलात्कार की पुष्टि हुई, 39 गवाह, बलात्कार के कंडोम पेशी में मिले। ये सारे सबूत हैं उसके बावजूद कोर्ट ने कहा है कि गवाह भरोसे लायक नहीं हैं इसलिए इसको घर जाने दो बाइज्जत बरी! पूरे कोर्ट में लोग मौजूद थे, चौंक गए!

🚩ये न्यायपालिका है, 1 दिन अगर गलती हुई है तो अगली अदालत में जाएंगे, अपील करेंगे लेकिन गड़बड़ तो है, कहीं ना कहीं इस फैसले का कुछ तो इंपैक्ट होगा। – धर्मेंद्र सिंह

🚩Official Links:👇🏻

🔺 Follow on Telegram: https://t.me/ojasvihindustan

🔺 facebook.com/ojaswihindustan

🔺 youtube.com/AzaadBharatOrg

🔺 twitter.com/AzaadBharatOrg

🔺.instagram.com/AzaadBharatOrg

🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

Translate »