महिला दिवस पर देशभर में क्यों रैलियां निकाली गई और क्यों ज्ञापन दिए गए ?

08 मार्च 2020

*🚩 अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जगह-जगह पर महिलाओं के सम्मान में समारोह हो रहा था लेकिन नारी उत्तम संस्कार देनेवाले संगठन “महिला उत्थान मंडल” ने आज कुछ अलग ही अंदाज में #महिला_दिवस मनाया ।*

*🚩आज ट्वीटर, फेसबुक, वेबसाइट आदि पर देखा गया तो #महिला उत्थान मंडल द्वारा #देशभर में #बापू #आसारामजी की शीघ्र #रिहाई की #मांग करते हुए विभिन्न स्थानों पर रैलियां निकाली गई, धरने दिए गए तथा #कलेक्टर को राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम से ज्ञापन दिए गए ।*

*🚩महिला मंडल के सदस्यों ने बातचीत के दौरान बताया कि निर्भया कांड के बाद #नारियों की सुरक्षा हेतु बलात्कार-निरोधक नये #कानून बनाये गये । परंतु दहेज विरोधी कानून की तरह इनका भी भयंकर दुरुपयोग हो रहा है ।*

*🚩जैसे दहेज विरोधी अधिनियम में संशोधन किया गया ऐसे ही #POCSO कानून में भी संशोधन की सख्त आवश्यकता है।*

*🚩 कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दू #संत #आसारामजी #बापू सदा हर वर्ग, हर प्राणी को ईश्वरीय सुख-शांति, आत्मिक निर्विकारी आनंद पहुँचाने का अथक प्रयास करते रहे हैं । #समाज, संस्कृति और विश्वसेवा के दैवीकार्य में #बापू आसारामजी का योगदान अद्वितीय रहा है ।* 

*🚩 #बापू #आसारामजी के ओजस्वी जीवन एवं उपदेशों से असंख्य लोगों ने व्यसन, मांस आदि बड़ी सहजता से छोड़कर संयम-सदाचार का रास्ता अपनाया है ।*

*🚩  83 वर्षीय वयोवृद्ध #संत, जिनको करोड़ों लोगों के जीवन में संयम-सदाचार लाने व उन्हें सत्मार्ग के रास्ते चलाने तथा करोड़ों दुःखियों के चेहरों पर मुस्कान लाने का श्रेय जाता है, उनको सह-सम्मान रिहा किया जाना चाहिये ।* 

*🚩सम्पादक, राजनेता, फिल्म स्टार, आतंकवादी आदि को भी न्यायालय द्वारा जमानत मिल जाती है लेकिन संत आशारामजी बापू को न आजतक एक दिन की भी पैरोल दी गई न जमानत जबकि उनके जोधपुर केस में आये जजमेंट में साफ लिखा है कि बापू के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य ( Direct Evidence) नहीं है और POCSO कानून के अंतर्गत चल रहे इस केस में लड़की के उम्र संबंधी अलग-अलग सरकारी दस्तावेजों में भी विवधता पाई गई है।* 

*🚩 एक आतंकवादी के साथ भी उदारता का व्यवहार करने वाला हमारा कानून सिर्फ आरोप के आधार पर एक सच्चे संत को कबतक जेल में रखेगा ??*

*🚩आज महिला दिवस पर महिला उत्थान मंडल न्यायालय एवं सरकार से निवेदन करता है कि विश्व में भारतीय संस्कृति की ध्वजा फहरानेवाले, आध्यात्मिक क्रांति के प्रणेता, संयममूर्ति #संत #आसारामजी #बापू की समाज को अत्यंत आवश्यकता है । उनको जल्द रिहा किया जाए ।*

*🚩 मंडल ने आगे बताया कि आज भी #देश की असंख्य महिलाएँ उनकी निर्दोषता के समर्थन में सड़कों पर आकर उनकी रिहाई की माँग कर रही हैं तो आपको इस बात पर अवश्य विचार करना चाहिए कि आरोप लगानेवाली दो महिलाएँ सच्ची हैं या हम #करोड़ों महिलाओं का अनेक वर्षों का अनुभव सच्चा है ।*

*🚩उन्होंने आगे कहा कि हिन्दू संत #आसाराम #बापू केस में आज तक न कोई ठोस सबूत मिला है और न ही कोई #मेडिकल आधार है…!! बल्कि उन्हें #षड़यंत्र करके फंसाने के सैकड़ों प्रमाण सामने आये हैं ।*

*🚩 आरोप लगानेवाली #लड़की की मेडिकल जाँच करनेवाली #डॉ. #शैलजा वर्मा ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि “लड़की के शरीर पर जरा सा भी #खरोंच का निशान नहीं था और न ही प्रतिरोध के कोई निशान थे ।”*

*🚩 प्रसिद्ध न्यायविद् डॉ. #सुब्रमण्यम स्वामी ने केस अध्ययन कर बताया कि ‘‘लड़की के #फोन #रिकॉर्ड्स से पता लगा कि जिस समय पर वह कहती है कि वह कुटिया में थी, उस समय वह वहाँ थी ही नहीं और #बापू आसारामजी भी उस समय अपनी कुटिया में न होकर अपने भक्तों के बीच सत्संग कर रहे थे।*

*🚩 ‘अखिल भारतीय नारी रक्षा मंच’ की अध्यक्षा श्रीमती रुपाली दुबे ने कहा : ‘‘ हिन्दू संत आसाराम बापू से लाभान्वित हुए लोगों में महिलाओं की संख्या भी करोड़ों में है लेकिन विडम्बना है कि जिन #बापू आसारामजी ने नारी सशक्तिकरण एवं महिला जागृति के लिए #महिला उत्थान मंडलों की स्थापना की, #गर्भपात रोको #अभियान चलवाया, नारियों के शोषण के खिलाफ हमेशा आवाज उठायी, उन्हीं साजिशकर्ताओं का मोहरा बनी एक-दो महिलाओं के झूठे आरोपों के आधार पर सालों से एक #निर्दोष संत को जेल में रखा गया है ।*

*🚩 हिन्दू #संत #आसारामजी #बापू पर लगे आरोपों में से एक भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ और न ही किसी जाँच में ऐसा कुछ सामने आया कि जिसके आधार पर 83 वर्ष की उम्र में ‘ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया’ की भयंकर बीमारी होने के बावजूद उनको जेल में रखा जाये। पिछले सात वर्षों से उन्हें जमानत और पैरोल ना देना उनके संवैधानिक मौलिक अधिकारों का हनन है, जोकि बड़ा अपवाद और आपत्तिकारक है ।*

*🚩गौरतलब है कि जब से हिन्दू #संत #आसाराम #बापू जेल में गए हैं तबसे उनके #करोड़ों #भक्त समय-समय पर न्यायालय और #सरकार से उनकी रिहाई की माँग कर रहे हैं । कभी POCSO  कानून के विरुद्ध #रैली निकाल कर तो कभी #सोशल मीडिया का सहारा लेकर ट्विटर पर ट्रेंड चलाकर।*

*🚩अब देखना ये है कि एक लड़की के कहने पर विश्वविख्यात्  हिन्दू #संत #आसारामजी #बापू को जेल में रखने वाली #सरकार इन लाखों लड़कियों की गुहार कब सुनेगी ?*

*🚩जिनकी सिर्फ #एक ही मांग है कि.. ‘निर्दोष हिन्दू #संत #आसारामजी #बापू की शीघ्र रिहाई हो सह-सम्मान।’*

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