नासा अब पूरी दुनिया में पहुँचाएगा हिंदी और भारतीय धरोहरों की जानकारी

30 जून 2019
🚩दुनिया में हिंदी बोलने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है । 2015 के आंकड़ों के अनुसार हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बन चुकी है ।
🚩हिंदी भाषा इसलिए दुनिया में प्रिय बन रही है क्योंकि इस भाषा को देवभाषा संस्कृत से लिया गया है जिसमें मूल शब्दों की संख्या 2,50,000 से भी अधिक है। जबकि अंग्रेजी भाषा के मूल शब्द केवल 10,000 ही है ।


हिंदी का शब्दकोष बहुत विशाल है और एक-एक भाव को व्यक्त करने के लिए सैकड़ों शब्द हैं जो अंग्रेजी एवं अन्य भाषाओं में नही हैं। #हिंदी भाषा संसार की उन्नत भाषाओं में सबसे अधिक व्यवस्थित भाषा है ।

🚩हिंदुस्तान में तमाम ऐसे कथित पढ़े-लिखे अंग्रेजों के मानसिक गुलाम लोग मिल जाएंगे जिन्हें राष्ट्रभाषा हिंदी बोलने में शर्म का अनुभव होता है । ऐसे लोगों के लिए हिंदी बोलने वाले लोग पिछड़े होते हैं, लेकिन अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा में राष्ट्रभाषा हिन्दी का बोलबाला सुनाई देगा तथा दुनिया के कोने-कोने में हिन्दी बोली जायेगी। खबर के मुताबिक़, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा दुनिया भर को हिंदी सिखाने और भारतीय धरोहरों की जानकारी देने के लिए वित्तीय मदद करेगी।
🚩प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक़, नासा की मदद से एक अमेरिकी योजना के तहत ऐसे वीडियो तैयार किए गए हैं जिनमें वैज्ञानिक पद्धति से हिंदी सिखाई जाएगी । इसके अतिरिक्त भारतीय धरोहरों की विस्तृत जानकारी को भी इन वीडियोस में शामिल किया गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद से दोनों विषयाें को आसान बनाने की कोशिश इस प्रोग्राम की प्राथमिकता है। इस प्रोग्राम का नेतृत्व वेद चौधरी करेंगे, उनकी संस्था ‘एजूकेटर्स : सोसायटी फॉर हेरिटेज ऑफ इंडिया’ स्टारटॉक योजना का संचालन कर रही है।
🚩जानकारी मिली है कि नासा ने इसके लिए 62.71 लाख रुपये (करीब 90 हजार डालर) दिए हैं । इस योजना को मेरीलैंड विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय विदेशी भाषा केंद्र की देखरेख में चलाया जा रहा है । इस योजना के अंतर्गत आमेर का किला, हवा महल, जंग रहित दिल्ली का लौह स्तंभ, कुतुब मीनार, चांद बावड़ी, जयपुर फुट मुख्यालय जहां से दुनियाभर के 80 देशों के लिए कृत्रिम अंग तैयार किए जाते हैं जो शामिल किया गया है। इस अभियान तथा योजना के बाद हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी की पहुँच दुनिया के कोने-कोने में होगी ।  स्त्रोत : सुदर्शन न्यूज
🚩भारत में ही अंग्रेजों के मानसिक गुलाम लोग हिंदी बोलने में शर्म महसूस करते हैं, “My Hindi Is Weak” बोलने में खुद को गौरवांवित महसूस करते हैं । कुछ देशद्रोही लोग तो हिंदी का विरोध तक करते हैं पर अब नासा के माध्यम से पूरी दुनिया मे हिंदी पहुँचेगी।
🚩आपको बता दें कि 2001-2011 के बीच 100 मिलियन नए लोगों ने हिंदी बोलना शुरु किया और इस संख्या के जुड़ने के बाद 25.19 फीसदी की दर से हिंदी भारत में सबसे तेजी से बढ़ती भाषा रही । हिंदी बोलने वाले 520 मिलियन लोग हैं तमिलनाडु और केरल में हिंदी बोलने वालों की संख्या में 33 फीसदी की वृद्धि हुई है।
🚩भारत के अलावा चीन, मॉरीशस, सूरीनाम, फिजी, गयाना, ट्रिनिडाड और टोबैगो आदि देशों में हिंदी बहुप्रयुक्त भाषा है। भारत के बाहर फिजी ऐसा देश है, जहां हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है।
🚩इंटरनेट पर अंग्रेजी को पछाड़कर राज करेगी हिंदी-
गूगल और केपीएमजी की एक संयुक्त रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है कि वर्ष 2021 तक इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं का राज होगा । हिंदी, बांग्ला, मराठी, तमिल और तेलुगु आदि भारतीय भाषाओं के यूजर्स तेजी से बढ़ेंगे और अंग्रेजी के दबदबे को खत्म कर देंगे ।
🚩विदेशों में हिन्दी भाषा का उपयोग बढ़ रहा है, लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि हमारे देश में ही कुछ आधुनिकता प्रेमी बोलने में संकोच करते हैं, कुछ वकील और संसद हिंदी नहीं बोलना जानते हैं।
🚩आज मैकाले की वजह से ही हमने मानसिक गुलामी बना ली है कि अंग्रेजी के बिना हमारा काम चल नहीं सकता, लेकिन आज दुनिया में हिंदी भाषा का महत्व जितना बढ़ रहा है उसको देखकर समझकर हमें भी हिंदी भाषा का उपयोग अवश्य करना चाहिए ।
🚩सरकारी विभाग एवं इंटरनेट आदि सभी स्तर पर हिंदी का उपयोग करना चाहिए एवं अपने बच्चों को अंग्रेजी (कन्वेंट स्कूलो) में शिक्षा दिलाकर उनके विकास को अवरुद्ध न करें । उन्हें मातृभाषा (गुरुकुलों) में पढ़ने की स्वतंत्रता देकर उनके चहुँमुखी विकास में सहभागी बनें ।
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