टिकटॉक बैन करने की उठी तेजी से मांग, जानिए क्यों बैन करना जरूरी है?

18 मई 2020
 
🚩भारत में फ़ेक न्यूज़ जिस तेज़ी से फल-फूल रहा है उसे देखते हुए टिक-टॉक जैसे ऐप्लीकेशन्स पर लगाम लगाने की ज़रूरत है। टिकटोक से हमारा महत्वपूर्ण डेटा चीन जा रहा है जिसे साइबर अपराध का खतरा बढ़ गया है।
 
🚩सोशल मीडिया पर लोग टिक-टॉक ऐप को प्रो-चाइनीज बताते हुए इसे अनइनस्टॉल करने के लिए अभियान चला रहे हैं। कई लोगों का ये भी मानना है कि टिक-टॉक पर जिहादी गतिविधियों से हिन्दूफ़ोबिया को बढ़ावा देने वाले वीडियोज के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। अब एक ईमेल लीक हुआ है, जिसे कथित तौर पर टिक-टॉक ने भारत में कार्यरत अपने सभी कर्मचारियों को भेजा है।
 
🚩इसमें कहा गया है कि ऐसे किसी भी कंटेंट को टिक-टॉक पर जगह नहीं दी जाए, जो चीनी सरकार के विरुद्ध हो। इसके तहत बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा और तिब्बत के समर्थन से सम्बंधित सभी कंटेंट को भी एप्लीकेशन से हटाने का निर्देश दिया गया है। इससे साफ़ है कि कम्पनी चीनी हितों को देखते हुए काम कर रही है और भारत के मामले में कोरोना को लेकर जिहादी मानसिकता का प्रदर्शन करने वालों के वीडियोज को और बढ़ावा दिया गया।
 
🚩टिक-टॉक को भारत की नेशनल सिक्योरिटी के लिए भी ख़तरा बताया जा रहा है।
 
🚩‘बाइट डान्स’ कंपनी है जिसने चीन में सितंबर, 2016 में ‘टिक-टॉक’ लॉन्च किया था। वैसे तो टिक टॉक का विरोध भारत में पहले से ही हो रहा है इसके कई कारण है। भारत और पूरी दुनिया इस कोरोना वायरस का दंश भुगतने को मजबूर है जिसे अब ‘चाइनीज़ वायरस’ कहा जा रहा है। भारत में चीन के खिलाफ भावनाएं उभर रही हैं और इसके साथ ही भारत सरकार से ‘टिक टॉक’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी उठने लगी है।
 
🚩वैसे चीन पहले से हमारा शत्रु रहा है, हमारे देश से अरबों-खबरों रुपये का व्यापार करता है फिर भी हमारे देश की सीमाओं को हड़पने की कोशीश कर रहा है दूसरी बात की एप्लिकेशन द्वारा हमारी प्राइवेट बातें ले जाता है इसके कारण टिकटोक को बेन करना बहुत जरूरी हैं।
 
🚩देशवासी टिकटॉक पर फेमस होने के लिए संस्कार हीन ओर अश्लीलता भरा अथवा राष्ट्र विरोधी वीडियो बनाकर भी अपलोड कर देते है। कुछ देशवासी जागरूक भी हो रहे है इसके कारण टिकटोक की रेटिंग काफी कम हो रही है अभी 3.2 तक आ गई है। टिकटोक हमारी संस्कृति के खिलाफ एक कार्य कर रहा है इसलिए देश मे काफी लोग इसको बेन करने की मांग उठा रहे है।
 
🚩टिकटॉक बैन करने के लिए ऑनलाइन पेटिशन भी चलाया जा रहा है। इसमें आप भी बेन करवाना चाहते है तो इस लिंक पर जाकर समर्थन कर सकते है।
 
 
अपराध को बढ़ावा दे रहा है टिकटॉक
 
🚩टिकटॉक पर डाले गए एक वीडियो में महिलाओं के ख़िलाफ़ एसिड अटैक को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है। ये वीडियो टिकटॉक यूज़र फ़ैसल सिद्दीक़ी ने बनाया है। जो वीडियो में फ़ैसल सिद्दीक़ी एक लड़की से बोल रहे हैं, “उसने तुम्हें छोड़ दिया, जिसके लिए तुमने मुझे छोड़ा था। इसके बाद वो लड़की के ऊपर कुछ फेंकते हैं जिससे लड़की के चेहरे पर काले और लाल रंग की छाप बन जाती है।”
 
🚩इस वीडियो पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र के डीजीपी को एक पत्र लिखा है जिसमें आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।
 
🚩मुंबई के एक एडवोकेट आशुतोष जे दूबे ने अपने ट्विटर अकाउंट पर जानकारी दी कि उन्होंने फ़ैसल सिद्दीक़ी के ख़िलाफ़ मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज की है। उन्होंने लिखा है, “टिकटॉक पर आपत्तिजनक वीडियो डाला गया। ये वीडियो संदेश देता है कि अगर कोई लड़की तुम्हारे प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दे तो उस पर एसिड फेंक दो।”
 
🚩ज़्यादातर ऐप्स ‘ आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस ‘ की मदद से काम करते हैं। ऐसे में अगर आप इन्हें एक बार भी इस्तेमाल करते हैं तो ये आपसे जुड़ी कई जानकारियां अपने पास हमेशा के लिए जुटा लेते हैं इसलिए इन्हें लेकर ज़्यादा सतर्क होने की ज़रूरत है। जुलाई, 2018 में इंडोनेशिया ने टिक-टॉक पर बैन लगा दिया था क्योंकि किशोरों की एक बड़ी संख्या इसका इस्तेमाल पोर्नोग्रैफ़िक सामग्री अपलोड और शेयर करने के लिए कर रही थी। बाद में कुछ बदलावों और शर्तों के बाद इसे दोबारा लाया गया।”
 
🚩प्राइवेसी के लिहाज़ से टिक-टॉक ख़तरों से खाली नहीं है। क्योंकि इसमें सिर्फ़ दो प्राइवेसी सेटिंग की जा सकती है- ‘पब्लिक’ और ‘ओनली मी’। आप वीडियो देखने वालों में कोई फ़िल्टर नहीं लगा सकते। या तो आपके वीडियो सिर्फ़ आप देख सकेंगे या फिर हर वो शख़्स जिसके पास इंटरनेट है। अगर कोई यूज़र अपना टिक-टॉक अकाउंट डिलीट करना चाहता है तो वो ख़ुद से ऐसा नहीं कर सकता. इसके लिए उसे टिक-टॉक से रिक्वेस्ट करनी पड़ती है।
 
🚩चूंकि ये पूरी तरह सार्वजनिक है इसलिए कोई भी किसी को भी फ़ॉलो कर सकता है, मेसेज कर सकता है। ऐसे में कोई आपराधिक या असामाजिक प्रवृत्ति के लोग छोटी उम्र के बच्चे या किशोरों को आसानी से गुमराह कर सकते हैं। कई टिक-टॉक अकाउंट अडल्ट कॉन्टेंट से भरे पड़े हैं और चूंकि इनमें कोई फ़िल्टर नहीं है, हर टिक-टॉक यूज़र इन्हें देख सकता है, यहां तक कि बच्चे भी।
 
🚩‘ साइबर बुलिंग ‘ भी बड़ी समस्या है। साइबर बुलिंग यानी इंटरनेट पर लोगों का मज़ाक उड़ाना, उन्हें नीचा दिखाना, बुरा-भला कहना और ट्रोल करना टिकटोक से सरल हो गया है। हम जब कोई ऐप डाउनलोड करते हैं तो प्राइवेसी की शर्तों पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते। बस ‘यस ‘ और ‘अलाउ ‘ पर टिक करते चले जाते हैं। हम अपनी फ़ोटो गैलरी, लोकेशन और कॉन्टैक्ट नंबर…इन सबका एक्सेस दे देते हैं। इसके बाद हमारा डेटा कहां जा रहा, इसका क्या इस्तेमाल हो रहा है, हमें कुछ पता नहीं चलता।”
 
🚩भारत मे टिकटोक का जोरदार विरोध हो रहा है, यह हमारी संस्कृति, देश और प्राइवेसी विरुद्ध कार्य कर रही है, इसको मध्य नजर रखते हुए सरकार को इस एप पर तुरंत प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
 
🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻
 
🔺 Follow on Telegram: https://t.me/azaadbharat
 
 
 
 
 
🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJW
Translate »