जानिए अपने ही देश मे हिंदू खुद कितना लाचार है?

13 मार्च 2019
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🚩भारत देश को हिंदू धर्म के नाम से ही विश्व में पहचान मिली इसलिए भारत देश का एक नाम हिंदुस्तान भी है ।
भारत का संविधान जब लागू हुआ तब कहीं नहीं लिखा गया कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है । सन 1976 में कांग्रेस सरकार ने 42 वें संविधानिक संशोधन द्वारा संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष शब्द डाल दिया। इसका मतलब भारत एक हिंदू वो राष्ट्र है जिसका कोई विशेष धर्म नहीं । उसके लिए सभी धर्म एक समान है ।

🚩वास्तव में सनातन संस्कृति विश्व की प्राचीनतम जीवंत संस्कृति है । जबसे सृष्टि का उद्गम हुआ है तबसे सनातन हिंदू संस्कृति है । हिन्दू धर्म का लोहा सदा सभी धर्मों ने माना । हमारे वेद, शास्त्र, श्रीमद्भागवत गीता, योग और ऋषि मुनियों का दिया हुआ ब्रह्मज्ञान आज भी विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है । “वसुधैव कुटुम्बकम” हिन्दू धर्म की महान सोच को प्रदर्शित करता है। हिन्दू धर्म ने मानवता के लिए जो किया वो किसी भी धर्म नही कर पाया ।
🚩पर जो असंवेदनशीलता आज हिन्दू धर्म के साथ हो रही है वो चिंताजनक है । कुछ मुद्दों की तरफ आपका ध्यान आकर्षित कर रहे हैं ।
🚩1). भारत देश की पहचान हिन्दू धर्म से है। हिन्दू धर्म के कारण देश मे सुख-शांति बनी हुई है । भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना चाहिए था पर वोट बैंक की राजनीति के चलते कोई सरकार ये नहीं कर पाई ।
2). सरकार कानून बनाकर हिन्दू मंदिरों की सम्पत्ति और दान पर अधिकार कर लेती है वहीं दूसरे धर्म के स्थलों को हाथ तक नहीं लगती विशेषकर चर्च, मस्जिद । ये दान से हुई आय का पूरा प्रयोग अपने धर्म के प्रचार प्रसार में करते हैं । मंदिर के कई पैसे तो चर्च और मस्जिद के लिए खर्च किये जाते हैं ।
🚩3). हज यात्रा के लिए सरकार सब्सिडी देती थी वहीं हिंदुओं को अमरनाथ यात्रा करते वक़्त टैक्स लेती है और सेना की मदद लेनी पड़ती है । ये सब सरकारों की गलत वोटबैंक की राजनीति का नतीजा है ।
4). जम्मू-कश्मीर को आज तक विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है । आज़ादी के 70 साल बाद भी आज तक कोई सरकार संविधान से अनुच्छेद 370 और 35A को नहीं हटा पाई । इसलिए वहाँ हिंदुओं की स्थिति आज भी जर्जर हुई है ।
🚩5). कश्मीर में आज भी सेना के रख रखाव के लिए अरबों रुपये खर्च होते हैं । कश्मीरी पंडितों को मार मारकर भगा दिया गया । फिर भी उनको पुनः नहीं बसा पा रहे हैं और तो और सर्वोच्च न्यायालय से उनको इंसाफ भी नहीं मिला ।
6). गरीब और आदिवासी इलाकों में ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण का गोरखधंधा धड़ल्ले से कर रही हैं । लालच देकर और डराकर भोले-भाले हिंदुओं का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है । सरकार मौन होकर देख रही है, इसे रोकने के लिए कोई कानून भी नहीं बना रही ।
🚩7). लव जिहाद के कारण लाखों हिंदू बेटियाँ फंस जाती है, अपनी जिंदगी नर्क जैसी जी रही हैं और माँ-बाप भी बर्बाद हो जाते हैं ।
8). कई राज्यों में जहाँ हिन्दू बहुसंख्यक थे अब अल्पसंख्यक रह गए हैं । बंगाल और केरल में हिंदुओं का रहना मुश्किल हो गया है । उन पर अत्याचार हो रहे हैं । पर राजनैतिक पार्टियों की सोच केवल वोटबैंक तक सीमित है ।
🚩9). एक देश है तो कानून भी एक ही होना चाहिए । पर भारत देश में कानून धर्म के साथ बदलता है। कानून ने मुस्लिमों और ईसाईयों को विशेष अधिकार दे रखे हैं इसलिये देश में अराजकता फैल रही है ।
10). NCERT की किताबों में हिन्दुत्व के गौरव का बखान नहीं । स्कूलों में बच्चों को गलत इतिहास पढ़ाया जाता है । हिन्दुत्व का गौरव और हिन्दू शूरवीरों को उचित सम्मान नहीं मिला। बच्चों को सही जानकारी नही मिल पा रही है।
🚩11). न्यायपालिका भी जल्लीकट्टू पर फैसला दे देती है । दीपावली पर पटाखें चलाने और बेचने पर रोक लगाई जा सकती है । जन्माष्टमी पर दही हांडी नही खेलो, होली पर पानी खराब होता है ये खबर मीडिया दिखाती है, दीपावली पर पर्यावरण दूषित होता है ये खबर मीडिया खूब दिखाती है । कुल मिलाकर हिन्दू त्यौहारों को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती ।
दूसरी तरफ ईद पर जो करोड़ों पशु मारे जाते हैं, न्यू ईयर और क्रिसमस पर पूरे रात पटाखें छोड़े जाते हैं, अरबों रुपये का दारू पिया जाता है, वैलेंटाइन डे पर कुँवारी कन्याएं माता बन जाती हैं, इस पर ना तो मीडिया में कोई खबर आती है ना ही कोई कुछ बोलता है। और तो और कोर्ट भी तीन तलाक और हलाला जैसे मुद्दों पर निर्णय लेने से मना कर देता है, बोलते हैं ये उनका मजहब का मामला है  ये सरासर हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है ।
🚩12). सबरीमाला पर तो हिंदुओं के खिलाफ निर्णय आ गया पर राम मंदिर का मुद्दा अब केवल वोटबैंक की राजनीति तक सीमित रह गया है । ना ही अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है ना ही कोई आस दिख रही है। सरकार आ रही है जा रही है, हिंदुओं की भावनाओं से किसी को कोई मतलब नहीं ।
13). ऋषि मुनियों ने गाय की महिमा को जाना इसी कारण हिन्दू धर्म ने गाय को माता का दर्जा दिया है। गौमाता ने हमारी कितनी पीढ़ियों का पालन पोषण किया है। पंचगव्य तो अमृत के समान है और कितनी ही आयुर्वेदिक दवाइयों में प्रयोग होते है। गौमूत्र से कैंसर जैसी बीमारी का इलाज संभव है। अमेरिका का भी गौझरन का खूब उपयोग कर रही है।
🚩पर भारत में गौमाँस के लिए गायों को मारा जा रहा है । कत्लखानों में गाय काटी जा रही है । पर सरकार के कान में जूं भी नहीं रेंग रही । गौरक्षा के लिए अब तक कोई कानून नहीं बनाया ।
बाघ को राष्ट्रीय पशु बनाया गया पर इतनी लाभकारी और हितैषी गौमाता को राष्ट्रीय पशु क्यों नहीं बनाया जा रहा । इससे गौहत्या बन्द हो जाएगी और गौमाता को सम्मान भी मिलेगा ।
🚩पता नहीं आज़ादी के सत्तर साल बाद भी गौमाता को सम्मान क्यों नहीं, गौमाता की स्थिति आज भी इतनी दयनीय क्यों ? कब तक हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ होगा ?
🚩14). हिन्दू सन्तों को झूठे केसों में फँसाया जा रहा है, झूठी खबर दिखाकर उनको बदनाम किया जा रहा है। साध्वी प्रज्ञा, असीमानन्द जी, जयेन्द्र सरस्वती जी, हिंदू संत आसाराम बापू, स्वामी नित्यानंद जी और कितने ही सन्त झूठे आरोपों के शिकार हुए और आखिर में निर्दोष सिद्ध हुए ।
दूसरी और पादरी और मौलवी कितने कुकर्म करते हैं पर मीडिया में कोई खबर तो नहीं आती है और उनको जमानत भी बड़ी आसानी से मिल जाती है । वहीं हिन्दू सन्तों निर्दोष होते हुए भी जेल की यातना भुगतते है ।
🚩सारांश ये है कि देश में हिंदुओं की स्थिति दिन बदिन खराब हो रही है । ये एक चिंतनीय विषय है कि हिन्दू अब अपने ही देश में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं । अब समय आ गया है कि हिन्दू संगठित हों और अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाएं ।
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